सो रही थी मैं उस रात
जब मेरी नींद के लिए कर रहे थे वो बगावत
मैं सपने देख रही थी उस रात
जब बुरे सपने सी बन गई उनकी वो रात
सुबह उठी तो पता चला कुछ ऐसा
जिससे हो गया मेरा चेहरा उदास
जब पता चला चीन ने करा विश्वासघात
मेरे देश के सिपाहियों को कर के आघात
साजिश रचाई, शातिर दिमाग चलाया
ना तलवार चलाई ना न्यूक्लियर वैपन चलाया
जानलेवा वायरस पूरे विश्व को दे कर
सबको दिलाया अपनी हुकूमत का एहसास
इन सब से क्या नहीं बुझी थी तेरी प्यास
जो पत्थर मार के तूने फिर बुझाए घरों के प्रकाश ?
गर्व है मुझे उन पर, जो खड़े हैं सरहद पर दांव लगा अपनी हयात
मेरी दुआ लगे उनके परिवार को जिनका लहू बहा उस रात
ताकि चैन से सोऊं मैं हर रात।
ताकि चैन से सोऊं मैं हर रात ।
- Shruti
Nicc yrr🥰 btw m first commenter😁 aur puri b padi h maine👌🥰
ReplyDeleteJee baat🇮🇳
ReplyDeleteआपने बहुत अच्छा लिखा है।
ReplyDeleteexcellent choice of words and their flawless use has beautified this poem👏
ReplyDeletevery nice
ReplyDeleteGreat work... Keep it up...
ReplyDeleteWow....Great ....
ReplyDeleteI'm proud 😊
ReplyDeleteVery well written .. I can feel it ❤️
ReplyDeleteBohot achha
ReplyDeleteWell written 😊
ReplyDeleteBeautiful words, patriotic intentions 👏
ReplyDeleteWell done so beautifully written and presented
ReplyDeletePerfectly written����
ReplyDeleteReally appreciable 👍👍
ReplyDeleteSoo good ������
ReplyDelete❤️❤️loved it
ReplyDelete✍️🤞👍
ReplyDeleteBohot acha likha hai👍👍👍
ReplyDeleteBhot acha❤️❤️
ReplyDeleteLikhai Mao dum hai
ReplyDeleteJai Hind❤����
Very heart touching ❤️
ReplyDeleteBeautiful 😍
ReplyDeleteAny army official could be in tears after listening to this. 😍
ReplyDeleteGreat job!!
ReplyDeleteMat rehna kisi chakkar me...
ReplyDeleteKoi nhi shruti ki poetry ki takkar me
Too good 👏👏
ReplyDeleteCan feel the pain behind the words😩
It's really heart touching. The pain behind each word and how you described it, is enough to make everyone feel it. Great work Shruti❤
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